रोहित शर्मा। शिमला
केंद्रीय बजट में आखिर हिमाचल कब दिखेगा? ये सवाल इसलिए वाजिब लगता है क्योंकि वर्तमान मेें हिमाचल का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय राजनीति और केंद्र सरकार में ज्यादा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल से हैं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर खुद मंत्री हैं और प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल से भली भांति परिचित हैं।
बावजूद इसके सोमवार को पेश आम बजट में हिमाचल नहीं दिखा। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे। मौजूदा प्रधानमंत्री भी हिमाचल के लिए यही बात कहते आए हैं, परंतु इन नेताओं के दूसरे घर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ नहीं दिया।
न तो सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेल मार्ग का जिक्र है और न ही कोई अन्य पैकेज। केंद्रीय बजट स्टेट स्पेसेफिक न होने के बावजूद केंद्र सरकार ने पश्चिमी बंगाल और आसाम आदि को कई तोहफे दिए हैं, परंतु हिमाचल जैसे आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे राज्य की तरफ कोई नजरे इनायत नहीं हुई है।
जैसे कि रवायत है कि अपनी पार्टी की सरकार के बजट को अच्छा बताना ही होता है, सीएम जयराम ठाकुर को भी इसकी तारीफ करनी पड़ी, परंतु अहम बात ये है कि साठ हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे प्रदेश को आर्थिक संजीवनी कहां से मिलेगी। रेल कनेक्टिविटी हिमाचल की एक अन्य उम्मीद थी।
बड़े राज्यों को तो कई कुछ मिला, लेकिन हिमाचल को कुछ न मिला। रेलवे को लेकर पश्चिम बंगाल, असम व तमिलनाडू का उल्लेख जोर शोर से हुआ है। हिमाचल में किसी नई रेललाइन को बिछाने का उल्लेख नहीं है। सिर्फ पहले से चल रही योजनाओं पर ही बजट में ध्यान देने की बात कही गई है।
एयरपोर्ट और नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट में भी हिमाचल के हाथ खाली रहे हैं। बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने टैक्सटाइल पार्क खोलने की घोषणा की है। इससे हिमाचल आशा कर सकता है। सीएम जयराम ठाकुर भी कह रहे हैं कि बजट में घोषित टैक्सटाइल पार्क हासिल करने के लिए उनकी सरकार कोशिश करेगी। बजट से उद्योग जगत को थोड़ी राहत मिली है।
आयकर सीमा न बढऩे से कर्मचारी मायूस
आयकर की सीमा को न बढ़ाए जाने से कर्मचारियों के हाथ निराशा लगी है। बजट को लेकर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के डबल इंजन का दावा पूरी तरह झूठा निकला है। बजट में प्रदेश की किसी भी योजना का कोई उल्लेख नहीं है। रेल विस्तार की दृष्टि से प्रदेश की अनदेखी हुई है।
हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि इस बजट से कर्मचारियों ने ना कुछ खोया और ना ही कुछ पाया। कर्मचारियों को आयकर छूट की सीमा में बढ़ोतरी की आशा थी। जिला शिमला पैंशनर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने बजट को निराशाजनक बताया है।