सुंदरनगर डिप्लोमा इंजीनियर और जेई-एई संघ की संयुक्त बैठक
हिमाचल दस्तक । सुंदरनगर : बिजली बोर्ड डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन और कनिष्ठ एवं अतिरिक्त सहायक अभियंता संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक सुंदरनगर में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ई. डीएस ढटवालिया और कनिष्ठ एवं अतिरिक्त सहायक अभियंता संघ के प्रदेश अध्यक्ष ई. सुनील वर्मा ने की।
डीएस ढटवालिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार कनिष्ठ अभियंता के पद पर केवल तीन साल का डिप्लोमा करने वालों को भी रखा जा सकता है। जिसकी कापी बोर्ड प्रबंधन को सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि बोर्ड में जूनियर इंजीनियर के सैकड़ों पद खाली पड़े है। जिसके कारण आम जनता के कार्य निपटाने को भारी परेशानी हो रही है। ई सुनील वर्मा ने कहा कि पूर्व में बिजली बोर्ड में त्रुटिपूर्ण व अव्यवहारिक भर्ती नियमों के कारण जेई के पदों पर डायरेक्ट डिग्रीधारकों की नियुक्ति थोक में कर दी गई। जिनके जल्द ही सहायक अभियंता के पद पर पदोन्नत होने से जेई के पद फि र से खाली रह गए।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो प्रदेश में चल रहे 28 बहुतकनीकी के डिप्लोमा पाने वाले हजारों युवक बेरोजगार ही रह जाएंगे। उन्होंने निर्धारित आयु सीमा पार करने वाले डिप्लोमा धारकों को 50 प्रतिशत बैचवाइज रखने की मांग की। बैठक में प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया कि बोर्ड प्रबंधन के साथ होने वाली आगामी बैठक मेंं उपरोक्त मांग के अलावा अन्य लंबित मांगों जिनमें अनुबंध जेई को एक समान सुविधाएं देना, कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियमित नियुक्ति करना, अनुभागों में जरुरी सामान व तकनीकी कर्मचारी उपलब्ध करवाना, एसजेवीएन और ट्रांसमिशन कारपोरेशन को आबंटित पदों को भरना, जेई से एई पदोन्नति पर वेतन वृद्वि प्रदान करना, एक समान यात्रा भता प्रदान करना और डिप्लोमा धारकों को तीन पदोन्नतियां प्रदान करना इत्यादि शामिल है पर चर्चा की जाएगी।
विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन की बैठक में नई भर्तियों की मांग
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन की धर्मशाला शाखा ने वर्ष 2014 के बाद नियुक्त कर्मियों के लिए पदोन्नति नियम बनाने तथा कर्मचारियों की कमी के चलते बढ़ रहे कार्य बोझ को देखते हुए जल्द नई भर्तियां करने की मांग की है। बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों का मामला भी प्रमुख रहा। आउटसोर्स कर्मियों ने बैठक में भाग लेकर अपनी मांग को उठाते हुए कहा कि सर्विस प्रदात्ताओं द्वारा उन्हें काफी समय से जहां न्यूनतम वेतन तक अदा नहीं किया जा रहा है, वहीं उनका ईपीएफ तक भी उनके खाते में जमा नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वेतन की अदायगी भी समय पर नहीं की जा रही है।
इस दौरान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से 15 नवंबर 2019 को यूनियन के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णयों को अतिशीघ्र अमलीजामा पहनाने की मांग की।इसके अलावा जो मामले सर्विस कमेटी में नहीं जाने वाले हैं उनकी अधिसूचना भी जारी की जाए। उन्होंने मांग उठाते हुए कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों का ईपीएफ भुगतान और न्यूनतम वेतन की अदायगी सुनिश्चित करते हुए हर महीने 7 तारीख से पहले अदा किया जाए। उन्होंने करुणामूलक आधार पर लंबित सभी मामलों को एकमुश्त निपटाने की मांग की।