मेडिकल कॉलेज नेरचौक में क्लब फुट क्लीनिक का शुभारंभ, लोगों को मिलेगी सुविधा, शिमला और चंडीगढ़ जाने से मिलेगी राहत
परमेंद्र कटोच। नेरचौक : बच्चों में जन्म के समय पैर टेढ़े मेढ़े के इलाज के लिए अब जिला मंडी के लोगों को शिमला या चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा। लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में क्लब फु ट क्लीनिक का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका विधिवत शुभारंभ प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया व एमएस डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने किया।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डीआईसी मैनेजर उमाशंकर वर्मा के अनुसार मेडिकल साइंस को इस बीमारी के सही कारण का पता नहीं चल सका है। इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं। कुछ का मानना है कि गर्भावस्था के समय गर्भस्थ शिशु की पोजीशन सही नहीं होने के कारण बच्चों के पैर खराब हो जाते हैं, जबकि कुछ आधुनिक खान-पान को इसका कारण बताते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भ में अल्ट्रासाउंड द्वारा भी इस रोग का पता लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि क्लब फु ट क्लीनिक में 2 साल तक के बच्चों का इलाज प्लास्टर करके और इससे अधिक उम्र के बच्चों का इलाज ऑपरेशन करके किया जा सकता है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत क्लब फुट क्लीनिक की शुरूआत की गई है। इसमें मिरेकल फि ट संस्था भी सहयोग कर रही है। इस संस्था की ओर से बच्चों को निशुल्क जूते उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा क्लीनिक में और भ्रमण करके लोगों की काउंसिलिंग करने की भी संस्था के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा। एमएस डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है लेकिन कम जागरूकता के कारण अभिभावक देरी से अपने बच्चों को इलाज के लिए लाते हैं।
तब तक हड्डियां काफी हद तक मजबूत हो चुकी होती है। सही वक्त पर सही इलाज के माध्यम से बच्चों को जिंदगी भर की दिव्यांगता से बचाया जा सकता है। इस अवसर पर कॉलेज के ऑर्थो विभाग के डॉ. संदीप कालिया, डॉक्टर लोकेश गुप्ता, डॉक्टर लक्ष्य प्रतीक व अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।