हिमाचल दस्तक : विजय कुमार : संपादकीय : केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा स्कीम आयुष्मान और राज्य सरकार की समानांतर हिम केयर स्कीम को केंद्र सरकार से तारीफ मिलना किसी उपलब्धि से कम नहीं है। प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
केंद्र सरकार इन योजनाओं के राज्य में क्रियान्वयन से काफी संतुष्ट है। यही वजह है कि केंद्र ने आयुष्मान के एक साल पूरा होने पर दिल्ली में हुए आरोग्य मंथन में हिमाचल के मॉडल को अन्य राज्यों को भी फालो करने को कहा है। सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में केंद्र सरकार का यह कहना प्रदेश के लिए बड़ी बात है। अच्छे काम के लिए इससे बड़ा इनाम कोई और नहीं हो सकता है। इससे प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य अमले का उत्साह और बढ़ेेगा। यह तारीफ अगले वर्ष बेहतरीन काम की गारंटी बनेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है।
इस मंथन से एक और खुशखबरी बाहर आई है, जिससे राज्य का काम और आसान हो जाएगा। खुशी की बात यह है कि आयुष्मान में कैंसर जैसी कुछ बीमारियों के पैकेज में आ रहीं दिक्कतों को दूर करने पर भी केंद्र सरकार ने हामी भर दी है। हिमाचल में आयुष्मान और हिम केयर बीमा योजनाओं की कवरेज का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 72000 मरीजों पर 71 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राज्य सरकार ने इस साल के लिए 90 करोड़ का बजट रखा है। यही नहीं, राज्य सरकार स्टेट शेयर जरूरत के अनुसार देने को राजी है।
दरअसल आयुष्मान योजना केंद्र सरकार से 90:10 के फार्मूले पर चल रही है। इस योजना में लोगों को उपचार करवाने के लिए ५ लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा उपलब्ध हो रही है। इस योजना में प्रदेश के लगभग 22 लाख लोग कवर किए गए हैं। इस योजना से छूटे लोगों के लिए ही हिम केयर योजना शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार की योजना का जैसे लाभ लिया, वैसी ही तत्परता अन्य विभागों को भी केंद्रीय योजनाओं को लेकर दिखानी चाहिए।